जीवन मे हम प्रतिक्षण नवीन अनुभव प्राप्त करते हैं और हमें प्रतिक्षण कई लोगो से मिलना होता है, अत: जीवन मे सफलता प्राप्त करने के लिए या लोकप्रिय बने रहने के लिए २० गुर नीचे दिऐ जा रहे हैं।
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हमेशा मुस्कराते रहिए। प्रसन्नता व मुस्कराहट बिखेरने वाले लोगो के सैकडो मित्र होते है। कोई भी व्यक्ति उदास चेहरे के पास बैठ्ना पसंद नही करता।
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बातचीत मे अपनी तकलीफों का रोना मत रोइए, क्योकि लोग इस से आप के पास आने से हिचकिचाएगें, वे यही समझेंगे कि उसके पास जाते ही बह अपनी तकलीफों का रामायण पढ्ने लग जाएगा।
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दुसरो की तारीफ जी भर कर किजिए पर तारीफ इस तरह होना चाहिए कि समने वाले को ऐसा न लगे कि आप उसे मुर्ख बना रहे है।
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बातचीत मे हमेशा सामने वाले को ज्यादा से ज्यादा बोलने का मौका दीजिए और आप यथासम्भव कम बोलिए। ऐसा भी न करे कि आप बिल्कुल चुप रहें।
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आप के वस्त्र सूरुचिपूर्ण हों तथा आपकी बातचीत मे किसी प्रकार से हलकापन न हो, आप गम्भीरता से अपनी बात को कहने का प्रयत्न किजिए।
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किसी भी अधिकारी या ऊचें से ऊचें व्यक्ति से मिलते समय मन मे किसी प्रकार की हिचकिचाहट अनुभव न किजिए, अपने बात नम्रता से, पर दृढतापूर्वक उस के सामने रखिए।
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बार-बार अपनी गलती स्वीकार मत किजिए और बार बार क्षमा याचना करना भी ठीक नही है।
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किसी भी प्रकार से अपने उपर क्रोध को हावी मत होने दिजिए। यदि सामने वाला क्रोध करता भी है तो चुपचाप सहन कर लिजिए। केवल क्रोध को सहन करने के बाद ही वह पछताएगा और आप के प्रति उसका सम्मान जरुरत से ज्यादा बढ जाऐगा।
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मित्र को या किसी को भी मिलते समय उसको उस के नाम से पुकारिऐ और उस से ऐसी बातचीत किजिए जो उस को रुचिकर हो।
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हमेशा आप ऊची सोसाइटी मे रहिए। द्स कलर्को के साथ घूमने के बजाए यदि आप किसी एक अधिकारी के साथ आधे घंटे के लिए भी घूम लेंगे तो लोगो मे आप का सम्मान और प्रतिष्ठा बढ जाएगा।
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हमेशा उची स्तर के लोगो से मित्रता रखिए, जो समाज के विभिन्न वर्गो से सम्बंधित हों। यदि आप डाक्टर हैं और आप की चालीस डाक्टरों से आप की मित्रता है तो उस का कोई विषेश लाभ नही। इस की अपेक्षा वकील, इन्कमटैक्स अधिकारी, कुशल व्यापारी, एस. पी आदि से मित्रता या परिचय आप के लिए ज्यादा अनुकूल रहेगा।
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आप यथासंभव कम से कम असत्य बोलिए,क्योकि असत्य ज्यादा समय तक नही चलता।
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अपने आपको हमेशा तरो ताज़ा रखिए क्योकि बीमार, सुस्त और यदि आप थके हुए लगेगें तो आप ज्यादा उन्नति नही कर पाऐगे और न समाज मे ज्यादा लोकप्रिय हो सकेगें।
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कभी भी हलके रिस्तरां या होटल मे मत बैठिए। चाहे एक सप्ताह मे केवल एक बार ही एक कप चाए लें पर ऊची व स्टैण्डर्ड के होटल मे ले, क्योकि वहां आप की टेबल पर जो कोई भी बैठा होगा वह समाज का ऊचें स्तर का होगा और उससे दोस्ती भी आप को समाज मे ऊचाई की ओर ले जाएगी, इस के विपरित हल्के होटल मे आप के दो पैसे ज़रुर कम लगेगें पर आप का स्तर हलका होगा और भूल से भी किसी परिचित ने आप को वहां देख लिया तो उस की नज़र मे आप का सम्मान कम होगा।
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सडक पर खडे खडे कुछ मत खाईये, इसी प्रकार असभ्य भाषा का प्रयोग करते हुए साथियो के बीच भी न खाऐं तो ज्यादा उचित होगा।
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वस्त्र साफ हों, स्वच्छ और आप के प्रकृति के अनुकूल हों लोगों को देख कर या उनके अनुकूल कपडे पहना आपकी व्यक्तिव (Personality) के अनुकूल नही होगा।
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साल मे एक या दो बार अपने मित्रो या अधिकारियों को उपहार अवश्य दें चाहे वह उपहार कम कीमत की ही क्यो न हो पर उपहार ऐसा होना चाहिए जो स्थाई हो, जो उसके ड्राइग रुम मे रखा हुआ रह सके।
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अपनी स्मरण शक्ति प्रखर रखिए, यथासंभव मित्रो व परिचितों के नाम याद रखिए।
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इस बात का ध्यान रखिए कि आप की बातचीत से सामने वाले का ईगो संतुष्ट होना चाहिए।
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सामने वाला जिस प्रकार का या जिस रुची का व्यक्ति हो उसी के अनुरुप बातचीत करें
यह गुर जितने साधारण है उतने ही प्रभावशाली हैं यदि आप इन्हे अपने दैनिक कार्यो मे अपनाएगे तो निश्चय ही आप के व्यक्तिव (personality) मे चार चांद लग जाएंगे। आप का प्रभाव दुसरो पर स्थाई रहेगा। यह पढने व देखने मे जितना आसान है उतना ही दैनिक कार्यों मे अपनाना कठिन भी। क्योकि आदमी अपनी आदतों से बंधा होता है और किसी भी नई आदत या शैली को अपनाने के लिए वक्त लगता है।
इस प्रकार आप उपरोक्त गुरों को अपना कर समाज मे श्रेष्ठ बनने का प्रयास किजिए जिससे आप ज्यादा लोकप्रिय हो सके।
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